Tuesday, August 30, 2011

वर्षा की बूँद

नदी बोली समंदर से,
मैं तेरे पास आई हूँ,
मुझे भी गा मेरे शायर,
मैं तेरी ही रुबाई हूँ,

Sunday, February 21, 2010

योशिमा - जन्मदिवस पर

तू आई मेरे जीवन में,
एक हंसिनी की तरह ,
जिसकी उज्जवलता का कोई सानी नहीं,
पर मैं अँधेरे बादल सा रहा,
तू आई मेरे जीवन में,
एक हरे भरे वृक्ष की तरह,
जिसकी छाया शीतलता दे,
पर मैं तेज तपन ही रहा,
तू आई मेरे जीवन मैं,
एक पावन नदी की तरह,
जो सबकी प्यास बुझाती है,
पर मैं एक बाँध ही बना रहा,
पर मैं जानता हूँ,
इन तमाम विसंगतियों के भी,
तू चमकती रहेगी,
क्योंकि तू तो है एक रौशनी - योशिमा

Friday, February 19, 2010

हमसफ़र - स्वेता को समर्पित

रात के इस सफ़र में वो पड़ी है यूँ मुँह फेरे,
की जैसे उसके रास्ते कहीं और जा रहे हैं,
मैं जानता हूँ की रास्ते अलग अलग हैं,
पर जाना वहीँ हैं हमें मेरे यार ,
ना तू मुझसे जुदा हो सकता है,
ना मैं तुझसे अलग हो सकता हूँ,
फिर क्यों ना चले साथ साथ,
जब तू थके तो मैं तुझको उठाऊं,
जब मैं थक जाऊं तो तू मुझको सहारा दे,
जब मंजिल है एक मेरे यार हमारी,
तो क्यूँ ना यार हमसफ़र बन जाएँ।

Wednesday, February 17, 2010

प्यार - एक अभिव्यक्ति

बड़ी ही दुर्लभ चीज़ है प्यार। सब कुछ मिल जाता है इस दुनिया में बस प्यार ही नहीं मिलता इसके पीछे शायद बहुत से तर्क होंगे, पर मेरा मानना है की हम शायद प्यार का मतलब जानते ही नहीं या प्यार हमारे लिए शायद एक शब्द मात्र ही है। हम प्यार को अपनी इच्छाओं, अपनी वासनाओं एवं अपनी सुरक्षा को पाने का माध्यम समझते है, पर भूल जाते है की प्यार से तो किसी इच्छा को पूर्णता मिलती है किसी वासना की प्राप्तिफूल की खुशबू, सूरज की तपिश, नदी की कलकल, तरुण की तरुणाई, मदिरा का नशा ये सब अभिव्यक्ति है। इसी तरह जब फूल की तरह किसी बच्चे के लिए ममता हिलोरे मारे तो वो प्यार है, दुनिया के लिए सूरज की तरह जलकर कुछ करना प्यार है।